Dca Ms Access Unit 3rd in hindi
MS Access Notes in Hindi for DCA
UNIT- 3rd
How to create relationship
Create Relationship
- सर्वप्रथम दो टेबिल बनाते है। जिसमे एक काॅमन फील्ड हेाता है। जिसके नाम एवं डाटा टाईप एक समान होना चाहिये।
- इन फील्डस की index property on होना चाहिये।
- Primary key define होना चाहिये।
- इसके बाद टूल मीनू के relationships option पर क्लिक करने पर relationship नाम की विंडो आती है इसमे दोनो टेबिल को जोडते है। जिसके बाद relationship menu add हो जाता है।
- Relationship menu के आॅपशन edit relationship पर क्लिक करने पर निम्न विंडो आती है।
इसके create new button पर क्लिक करने पर निम्न विंडो आती है। इसमे टेबिल को सिलेक्ट करते है। इसके बाद Ok button पर क्लिक करने पर रिलेशन स्थापित हो जाता है।
Join type button पर click करके join type बदला जा सकता है। इसमे तीन आॅपशन आते है। जिसमे से एक आॅपशन को चुनते है।
Ctrl + s से रिलेशनशिप को सेव किया जा सकता है। या फाईल मीनू के आॅपशन सेव पर क्लिक करके रिलेशनशिप को सेव किया जा सकता है।
Change The Join Type
Edit Relationship Window में यह Joint Window उपलब्ध होती हैं। इस Button पर Click करने के बाद निम्न Option Display होते हैं।
- Only Include Rows Where The Joined Field From Both Table Are Equal.
- Include All Record From Table One And Only Those Record From Table Two.
- Include All Record From Table Two And Only Those From Table 1 Where The Joined Field Are Equal इनमें से अपनी आवश्यकतानुसार किसी एक Option को Select करते हैं तथा Ok Button पर Click करते हैं।
Save Relationship
Ctrl + s शॉर्टकट की से रिलेशनशिप को सेव किया जा सकता है। या फाईल मीनू के सेव आॅपशन पर क्लिक करके रिलेशनशिप को सेव किया जा सकता है।
Delete Relationship
- रिलेशनशिप पर क्लिक करके रिलेशनशिप को डिलीट कर सकते है।
- Edit menu→delete button पर क्लिक करके रिलेशनशिप को डिलीट किया जा सकता है।
Benefits of relationships-
- यह डाटा को (integrity) विश्वासनीयता प्रदान करती है। यह इसका सबसे बडा लाभ है।
- इसमे डाटा की सुरक्षा रहती है।
- Record duplication का डर नही रहता है।
- इससे मेमोरी की बचत होती है।
- रिकार्ड को delete और update किया जा सकता है।
- इससे मल्टीटेबिल रिर्पाेट और फाॅर्म का डिजाइन किया जा सकता है। एवं उसमे विभिन्न प्रकार के आॅपरेशन किये जा सकते है।
Referential Integrity Rule
Referential Integrity Rule
Relationship Window में Referential Integrity का Option होता हैं इसका अर्थ हैं कि यदि दो Table के मध्य Referential Integrity rule स्थापित हैं तो प्रथम Table में यदि किसी Record में संशोधन या Updationकरते हैं तो इससे संबंधित Table में स्वत: ही संशोधन हो जाता हैं इसी प्रकार यदि प्रथम table में से किसी record को delete करते हैं तो इससे संबंधित table में से वह record delete हो जाता हैं। Table की Relationship Create करते समय Edit Relationship Window में Referential Integrity के तीन Option होते हैं।
- Enforce Referential Integrity
- Cascade Update Related Fields
- Cascade Delete Related Fields
- Cascade Update Related Fields- यदि Enforce Referential Integrity के साथ Cascade Update Related Fields Check Box को सेलेक्ट करते है तो Table के किसी Record को Update करने पर इससे संबंधित Table में उस Record से संबंधित Information स्वंयं Update हो जाएगी।
- Cascade Delete Related Fields- इसी प्रकार यदि Cascade Delete Related Check Box को सेलेक्ट करते हैं तो Table में किसी Record को Delete करने पर इससे जुड़ी हुयी Table में से Record स्वयं ही Delete हो जाएगा।
Enforce Referential Rule को Set करने के लिए Enforce Referential Integrity Check Box पर Click करते हैं इस के साथ ही अपनी आवश्यकतानुसार Cascade Update Related Fields एवं Cascade Delete Related Fields पर Click करके Create Button पर Click करते हैं।
How to create relationship
Create Relationship
- सर्वप्रथम दो टेबिल बनाते है। जिसमे एक काॅमन फील्ड हेाता है। जिसके नाम एवं डाटा टाईप एक समान होना चाहिये।
- इन फील्डस की index property on होना चाहिये।
- Primary key define होना चाहिये।
- इसके बाद टूल मीनू के relationships option पर क्लिक करने पर relationship नाम की विंडो आती है इसमे दोनो टेबिल को जोडते है। जिसके बाद relationship menu add हो जाता है।
- Relationship menu के आॅपशन edit relationship पर क्लिक करने पर निम्न विंडो आती है।
इसके create new button पर क्लिक करने पर निम्न विंडो आती है। इसमे टेबिल को सिलेक्ट करते है। इसके बाद Ok button पर क्लिक करने पर रिलेशन स्थापित हो जाता है।
Join type button पर click करके join type बदला जा सकता है। इसमे तीन आॅपशन आते है। जिसमे से एक आॅपशन को चुनते है।
Ctrl + s से रिलेशनशिप को सेव किया जा सकता है। या फाईल मीनू के आॅपशन सेव पर क्लिक करके रिलेशनशिप को सेव किया जा सकता है।
Change The Join Type
Edit Relationship Window में यह Joint Window उपलब्ध होती हैं। इस Button पर Click करने के बाद निम्न Option Display होते हैं।
- Only Include Rows Where The Joined Field From Both Table Are Equal.
- Include All Record From Table One And Only Those Record From Table Two.
- Include All Record From Table Two And Only Those From Table 1 Where The Joined Field Are Equal इनमें से अपनी आवश्यकतानुसार किसी एक Option को Select करते हैं तथा Ok Button पर Click करते हैं।
Save Relationship
Ctrl + s शॉर्टकट की से रिलेशनशिप को सेव किया जा सकता है। या फाईल मीनू के सेव आॅपशन पर क्लिक करके रिलेशनशिप को सेव किया जा सकता है।
Delete Relationship
- रिलेशनशिप पर क्लिक करके रिलेशनशिप को डिलीट कर सकते है।
- Edit menu→delete button पर क्लिक करके रिलेशनशिप को डिलीट किया जा सकता है।
Benefits of relationships-
- यह डाटा को (integrity) विश्वासनीयता प्रदान करती है। यह इसका सबसे बडा लाभ है।
- इसमे डाटा की सुरक्षा रहती है।
- Record duplication का डर नही रहता है।
- इससे मेमोरी की बचत होती है।
- रिकार्ड को delete और update किया जा सकता है।
- इससे मल्टीटेबिल रिर्पाेट और फाॅर्म का डिजाइन किया जा सकता है। एवं उसमे विभिन्न प्रकार के आॅपरेशन किये जा सकते है।
Difference between Filter and Query
Filter
फिल्टर का उपयोग टेबल में से इच्छित जानकारी को प्राप्त करने के लिए होता हैं। उदाहरण के लिए टेबल में छात्रों का डाटा डाला हैं, हमे सिर्फ “DCA” कोर्स के ही छात्रों का डाटा चाहिए, उस स्थिती में हम फिल्टर का उपयोग कर सकते हैं। किसी भी डाटाबेस प्रोग्राम में फिल्टर का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण हैं इसकी सहायता से डाटा तेजी से प्राप्त किया जाता हैं।
Query
किसी भी डाटाबेस फाइल में उस संरचना के अनुकूल डाटा डाला जाता हैं। किसी भी व्यावसायिक कार्य में प्रयोग होने वाले डाटाबेस फाइल में बहुत बड़ा डाटा संग्रहित किया जाता हैं। डाटाबेस फाइल उन डाटा को क्रमवार तरीके से संग्रहित करती जाती हैं। डाटाबेस फाइल का मुख्य उद्देश्य वांछित डाटा को कम से कम समय में यूजर को दर्शाना हैं।
जो डाटा हम टेबल या डाटाबेस फाइल में संग्रहित करते हैं, उसकी आवश्यकता हमे दूसरे दिन, एक माह बाद या कुछ वर्षो बाद भी हो सकती हैं। सिर्फ टेबल के प्रयोग से यह कार्य मुश्किल हो सकता हैं लेकिन इच्छित डाटा प्राप्त करने के लिए क्वेरी (Query) बहुत अच्छा विकल्प हैं। जहाँ पर एक से अधिक टेबल का उपयोग हो रहा हैं, वहाँ क्वेरी का महत्व ओर अधिक बढ़ जाता हैं। क्वेरी की सहायता से प्रयोगकर्ता इच्छित डाटा को तेजी से प्राप्त कर सकता हैं। एक्सेस में क्वेरी से प्राप्त डाटा को From, Report आदि में भी प्रयोग कर सकते हैं। दूसरे शब्दों में “क्वेरी डाटा को जानकारी में परिवर्तित करती हैं।”
Difference between Filter and Query
Filter |
Query |
Filter को सेव नही किया जा सकता हैं। | क्वेरी को अलग फाइल में संग्रहित किया जाता हैं। |
Filter का प्रयोग अस्थाई रूप से डाटा प्राप्त करने के लिए किया जाता हैं। एक बार Filter बंद करने के बाद, उस डाटा को प्राप्त करने के लिए फिर से नया Filter बनाना पड़ता हैं। | Queries में इच्छित डाटा स्थाई रूप में रखा जाता हैं। प्रयोगकर्ता कार्य के अनुसार उन्हें बार-बार प्रयोग कर सकता हैं। |
फार्म, रिपोर्ट आदि में Filter का प्रयोग नही किया जा सकता हैं। | फार्म, रिपोर्ट आदि में क्वेरी से प्राप्त डाटा का प्रयोग किया जा सकता हैं। |
फिल्टर में एक ही टेबल से डाटा प्राप्त किया जा सकता हैं। | क्वेरी में एक से अधिक टेबल से इच्छित डाटा प्राप्त किया जा सकता हैं। |
जटिल प्रकार के डाटा या बड़े डाटाबेस के लिए Filter का उपयोग कम किया जाता हैं। | बड़े एवं जटिल डाटा के लिए क्वेरी अधिक उपयोगी हैं। |
Create Query in MS Access
[/mks_one_half] [mks_one_half]What is filter
What is filter
Filter एक criteria or condition होता है। जिसके आधार पर डाटाबेस फाईल मे रिकार्डस को सर्च किया जाता है। या इनपुट किया जाता है। इसमे Field के डाटा टाईप के आधार पर condition तैयार की जाती है। टेबिल मे फिल्टर लगाने पर डाटा रिकार्ड फिल्टर होकर आ जाते है। इसमे condition बनाने के लिये मेथामेटिकल एंड लाॅजिकल दोनो प्रकार के operator का प्रयोग किया जाता है।
जैसे=, <=, >=, <> and, or, not
Example:- city=”sagar” इसमे केवल वही रिकार्डस आयेगे जिनके city field मे sagar डाटा होगा ।अर्थात उन्ही लोगो की लिस्ट शो होगी जो सागर में रहते है।
फ़िल्टर का प्रयोग फॉर्म ,रिपोर्ट एवं डेटाबेस टेबल आदि में किया जा सकता है
डाटा को फ़िल्टर निम्न प्रकार से किया जा सकता है
- Filter by form-: इस फिल्टर मे यूजर value को सिलेक्ट करता है। इसमे एक साथ अलग फील्ड मे अलग-अलग शर्त के आधार पर टेबिल से रिकार्डस को सर्च किया जा सकता है।
record menu → filter → filter by form
- Filter by selection– इसमे जिस value को सर्च करना होता है। उसको सिलेक्ट करते है। तो उस value वाले रिकार्ड सर्च हो जाते है। यह सर्च करने का सबसे आसान तरीका होता है। इसमे एक साथ दो ऑप्शन का प्रयोग नही कर सकते है।
record menu→ filter→ filter by selection
- filter by excluding selection– यह selection के विपरीत होता है। जिस value को सिलेक्ट करते है। उसको छोडकर सभी रिकार्ड आ जाते है।
record menu→ filter→ filter by excluding selection
- advance filter– इसमे यूजर अपने अनुसार condition बना सकता है। इसमे “or”,”and”एवं “not” आदि का भी प्रयोग आसानी से किया जा सकता है। इस आॅपशन पर क्लिक करने पर एक विंडो आती है।
इस विंडो में उस फील्ड को चुनते है। जिसमे फिल्टर लगाना होता है।
यहाँ से sorting भी की जा सकती है। यदि sorting करना है। तो उसका प्रकार चुनते है। criteria मे शर्त एवं उसकी value लिखते है। डिफाल्ट रूप से बराबर condition रहती है। बाजू वाले काॅलम मे उसी फील्ड या दूसरे फील्ड को लेते है। और criteria मे कोई मान एवं शर्त देते तो उन दोनो के बीच मे and आॅपरेटर आ जाता है। तो or के नीचे value or operator का प्रयोग करते है।
फिल्टर सेट करने के बाद record menu से उसको apply filter/sort option पर क्लिक करते है। जिससे वह फिल्टर रन हो जाता है। और रिकार्डस को फिल्टर करके प्रदर्शित करता है। फिल्टर को हटाने के लिये record menu मे जाकर remove filter/sort पर क्लिक कर देते है। जिससे फिल्टर हट जाता है। फिल्टर को as a query भी सेव किया जा सकता है। जिसका प्रयोग बाद मे क्वेरी को रन करके किया जा सकता है। इससे फिल्टर को पुनः बनाने मे समय नष्ट नही होता है।
file menu→ save as→ select type query→ type query name→ click ok button
Right click on filter→ save as query→ type name→ click ok
Example–
SELECT * FROM sanjay WHERE sanjay.city=”sagar”;
इस क्वेरी मे संजय नाम की टेबिल मे वे सभी रिकार्डस आ जायेगे जिनकी सिटी सागर है।
Types of query
Types of Query
MS Access में क्वेरी 6 type की होती है ,इन्हें हम तीन केटेगरी में बांट सकते है –
- Select query
- Action query
- Cross tab query
Select query-:Datasheet के रूप में subsets को produce करती है,इन datasheets में updation हो सकता है या नही भी हो सकता ,यह विभिन्न फैक्टर्स पर निर्भर करता है|
Action query-: एक ऑपरेशन में records के set को change करती है , action query चार प्रकार की होती है
- Make table query
- Update query
- Append query
- Delete query
Make table query-यह एक या एक से अधिक टेबल में से एक नई टेबल बनाती है|
Update query-under lying table में फील्ड डाटा में change करती है|
Append query- एक टेबल में से रिकॉर्ड को दूसरी टेबल में कॉपी करते है|
Delete query -criteria पर आधारित table में से रिकार्ड्स को delete करती है
Select Query
कौन सी क्वेरी का प्रयोग करना चाहिए,यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप क्या करना चाहते है ? सेलेक्ट क्वेरी स्वयं टेबल डाटा को नही बदलती,यह केवल subset data को देखना तथा एडिट को allow करती है.यह सबसे ज्यादा common type query है.sql में select query एक select statement के रूप में प्रयोग की जाती है,select query को run करने के निम्न लिखित स्टेप्स होते है –
step 1- Database को open करते है,database window open हो जाती है इसके पश्चात क्वेरी बटन पर क्लिक करते है ,क्वेरी की लिस्ट प्रदर्शित होती है।
step 2-New button पर click करते है new query dialog box खुल जाता है ।
step 3 –Design option को select करते है तथा ok पर click करते है show table dialog box खुल जाता है ।
step 4-यदि आवश्यक है तो टेबल tab को select करते है , losses table पर क्लिक करते है,show table को close करने के लिये close buttonपरclick करते है तथा losses table प्रदर्शित होती है।
step 5-Losses table title bar पर double click करते है तथा सभी fields को select करते है।
step 6- selected field पर click करते है -hold रखकर drag करते है,तो सभी field query grid में पहुच जाते है।
step 7 – Criteria में condition लिखते है sql view में query को examine करने के लिए view पर click करते है तथा sql view को चुनते है।
Action Queries
- Make table query:-Make table query केवल access query type है जो actually में एक से दूसरी टेबल को create करती है resulting table सामान्यतः source table से छोटी होती है ,एक छोटी टेबल एक faster table भी होती है table query को बनाने के लिये निम्न लिखित steps होते है –
- Database window में query पर click करते है।
- Design view create query पर double click करते है फिर show table में table1 पर click करते है और show tables dialog box को बंद कर देते है।
- Table1 की title bar पर double click करते है तथा सभी fields को select करते है।
- Selected fields को click करके hold तथा drag करते है।
- Criteria row में desired field में कंडीशन टाइप करते है।
- Sort row में sort method select करते है।
- Query type button के drop down box पर click करते है तथा make table query option को चुनते है,इसके पश्चातmake table dialog box open हो जाता है।
- Run the query .
- 2.Append query -: एक append query एक table से दूसरे table में records को copy करते तथा last recordके पश्चात append करते है Append Query बनाने के निम्नलिखित स्टेप्स होते है-
- Database window table1 को click करते है ,तथा copy option को choose करते है ।
- Paste button पर click करते तथा paste option में से structure only under paste option को चुनते है ।
- Table का नाम लिखते है तथा ok button पर click करते है,table 2 नाम लिखते है ।
- Queries button पर click करते है ।
- Design view में create query पर double click करते है,show table dialog box open होता है ,इसमें table 1 पर double click करके show table dialog box को close कर देते है ।
- Table 1 के title bar पर double click करते है तथा सभी fields को select करते है ।
- Query grid में selected field को click,hold तथा drag करते है ।
- Query type button के dropdown box पर click करते है तथा append query type को choose करते है और ok button पर click करते है ।
- Query को run करते है ।
- 3.Delete query-: Delete query criteria परआधारित table में से records को remove करती है delete query के निम्न लिखित steps है –
- Query type button में dropdown box पर click करते है ।
- Delete query के type को change करते है ।
- Query को run करते है ।
- 4.Update query-: Update query criteria पर आधारित table में से records को update करती है update query के update query create करने के निम्नलिखित steps होते है –
- Table 1 की copy करते है जैसा कि append example में किया है ।
Run Query-: जितनी भी एक्शन क्वेरी है उन सबको क्रिएट करने के बाद रन करना आवश्यक होता है |तभी कोई भी एक्शन क्वेरी एक्सीक्यूट होती है |