Dca Ms Access Unit 4th in hindi
Dca Ms Access Unit 4th in hindi
MS Access Notes in Hindi for DCA
UNIT- 4th
Introduction of Form
Introduction of Form
MS Access मे form का प्रयोग इनपुट के लिए किया जाता है । फॉर्म की सहायता से हम बार -बार एक ही task को पूरा करने के लिए कई ऑब्जेक्ट्स का प्रयोग कर सकते है ।
उदाहरण-:माउस के एक क्लिक से form को filter कर सकते है ,multiple values को देख सकते है करंट रिकॉर्ड को प्रिंट कर सकते है ,तथा एक menu से item select कर सकते है ।
Form में अधिक संख्या मे डाटा को स्टोर करके रखा जा सकता है। डाटावेस टेबिल मे डाटा को इनपुट किया जा सकता है। इस कार्य को करने के लिये फार्म मे विभिन्न प्रकार के option होते है। जैसे new record add करना record delete करना, record को edit करना record में formatting करना एवं रिकार्ड को move करना आदि। जिससे आसानी से डाटा को इनपुट किया जा सकता है। इसमे फॉर्म की फार्मेटिंग की जाती है। जिससे फॉर्म सुन्दर दिखने लगता है। टेबिल फील्ड को आवश्यकता के अनुसार फार्म मे सेट किया जा सकता है। फॉर्म डिजाइन के लिये इसमे टूल बॉक्स होता है। जिसमे विभिन्न प्रकार के टूल होते है। जिनको फील्ड के अनुसार फॉर्म मे सेट किया जा सकता है। और डाटाबेस टेबिल से उनको connect कर देते
Types of Form
Types of form
Ms access मे निम्न प्रकार के फार्म होते है।
1. Columnar Form- इस फार्म को प्रयोग data entry के लिये किया जाता है। इसमे टेबिल के फील्ड को कॉलम फॉर्मेट मे arrange किया जाता है। इसमे एक समय मे एक रिकार्ड दिखाई देता है। विजार्ड से इस अलग-अलग फॉर्मेट मे फॉर्म को आसानी से बना सकते है। Columnar Form में आसानी से रिकार्ड को next, previous, first, last और move किया जा सकता है। एवं नये रिकार्ड को जोडा जा सकता है।
2. Tabular Form- इस फॉर्म मे सभी रिकार्डस एक साथ दिखाई देते है। इसमे टेबिल की सबी फील्डस टेबिल के फॉर्मेट में होती है। इसमे एक रिकार्ड को दूसरे रिकार्ड से लाईन के द्वारा separate किया जाता है।
3. Datasheet- इसमे डाटावेस टेबिल डाटाशीट फॉर्मेट मे देखा जा सकता है। यह एक ऐक्सेल शीट की तरह होता है।
4. Justified-इसमे टेबिल के फील्डस को एक स्टैंडर्ड फार्म मे सेट किया जाता है। जिससे इसमे रिकार्ड को देखना आसान होता है। इसमे एक समय मे एक रिकार्ड दिखाई देता है।
5. Pivot table – Display the data using tabs.
6.Pivot Chart – Pivot Chart विभिन्न प्रकार के चार्ट को support करता है। इसके द्वारा टेबिल डाटा को ग्राफ के रूप मे प्रदर्शित किया जाता है। इसमे यूजर दो कॉलम के डाटा के बीच ग्राफ खीच सकता है।Dca Ms Access Unit 4th in hindi
Main Form /Sub form in MS Access
एक्सेस दो फार्म बनाता हैं, एक मुख्य फार्म तथा दूसरे Sub-form एक फार्म के अंदर दूसरे फार्म का प्रयोग किया जा सकता हैं। जो फार्म दूसरे फार्म के अंदर कार्य करता हैं, उसे Sub-form कहते हैं। और मुख्य फार्म को Main form कहा जाता हैं, एक मुख्य फार्म के अंदर एक या एक से अधिक फार्म हो सकते हैं। जब किसी टेबल में one two many relationship का प्रयोग किया गया हैं, उस स्थिती में Sub-form अधिक कारगार होता हैं। उदाहरण के लिए आपने दो टेबल बनाये हैं, जिसमें एक टेबल में उत्पाद की विभिन्न श्रेणीयाँ हैं, जैसे TV, Fridge, Washing Machine आदि उस टेबल को हम “Category” नाम देते हैं, तथा दूसरे टेबल में हमने प्रत्येक श्रेणी के वास्तविक उत्पाद को रखा हैं, जैसे 21 inch Lcd, 365 lit fridge आदि तथा इस टेबल को “product” नाम दिया हैं।
इन दोनों टेबल में one to many relationship हैं, अर्थात् TV श्रेणी में दूसरे टेबल में विभिन्न उत्पाद जुडे हैं। ऐसे स्थिती में हम दूसरे टेबल के लिए Sub-form बना सकते हैं। मुख्य फार्म एवं Sub-form एक दूसरे से जुड़े होते हैं, तथा जो रिकार्ड पहले टेबल में हैं, उससे संबंधित रिकार्ड दूसरे टेबल से दर्शाया जाता हैं। जब फार्म पर पहले टेबल के एक श्रेणी को दर्शाता हैं, तब Sub-form दूसरे टेबल में उसी उत्पाद को दर्शाता हैं।
आप Sub-form को datasheet view, form view, pivot table view आदि में डिजाइन कर सकते हैं। लेकिन यदि मुख्य फार्म pivot table या pivot chart में डिजाइन किया हैं, तब उसमें Sub-form दिखाई नहीं देता हैं।Dca Ms Access Unit 4th in hindi
जब आप one to many relationship का प्रयोग कर मुख्य फार्म एवं Sub-form बनाते हैं, तब इस relationship की one side यह मुख्य फार्म प्रयोग करता हैं, तथा many side यह Sub-form प्रयोग करता हैं। जो भी Sub-form आप मुख्य फार्म में बनाते हैं, उनके बीच रिलेशनशिप की व्याख्या करना आवश्यक हैं। दोनों टेबल में प्रायमरी की एक समान होनी चाहिए।
आप मुख्य फार्म के अंदर एक से अधिक Sub-form बना सकते हैं, तथा Sub-form के अंदर और भी Sub-form बना सकते हैं। लेकिन एक के अंदर दूसरे Sub-form की संरचना सात Sub-form से अधिक नहीं होनी चाहिए।Dca Ms Access Unit 4th in hindi
जब आप किसी मुख्य फार्म एवं Sub-form में रिकार्ड डालते हैं, तब एक्सेस Sub-form से एन्ट्री करते समय मुख्य फार्म के टेबल के रिकार्ड को स्वयं ही सेव करता हैं।
How to create Sub-Form
जब कोई मुख्य फार्म उसके Sub-form से जुड़ा हैं, तब उसे टेबल को जाचँ लेना चाहिए। तथा दोनों टेबल के बीच relationship सेट कर लेना चाहिए। लेकिन जब मुख्य फार्म pivot table या pivot chart के रूप में होता हैं, तब उसके अंदर Sub-form नही बना सकते हैं। Sub-form बनाने के लिए निम्न पदों का प्रयोग करें।
- मुख्य विंडो में from आयकॉन पर क्लिक करे। फार्म का डायलॉग बॉक्स खुल जाता हैं।
- उसे “from wizard” पर दो बार क्लिक करें। विजार्ड में पहले टेबल को सिलेक्ट करें, उसमें मुख्य फील्ड जो दूसरे टेबल से जुड़ी हैं, उसे भी insert करे। इसी डायलॉग बॉक्स से दूसरे टेबल को भी सिलेक्ट करे। जिन फील्ड को जोड़ना हैं, उन्हें क्लिक कर insert करें। इसी डायलॉग बॉक्स में दूसरे टेबल को भी सिलेक्ट करे। जिन फील्ड को जोड़ना हैं, उन्हें क्लिक कर Insert करें।
- यदि आपने फार्म बनाने के पहले दोनों टेबल के बीच में relationship बना ली हैं, तब विजार्ड आपसे कौन से टेबल से डाटा देखना हैं। विजार्ड डायलॉग बॉक्स में “from with Sub-form” विकल्प को सिलेक्ट करें।
- विजार्ड में अन्य विकल्पों को सेट करें, तथा Finish बटन को क्लिक करें।Dca Ms Access Unit 4th in hindi
How to Add Header and Footer in Form
How to Add Header and Footer in Form
फार्म हेडर या फुटर में वह जानकारी दर्शाई जाती हैं, जो प्रत्येक फार्म में एक समान होती हैं। उदाहरण के लिए जो फार्म में डाटा एन्ट्री कर रहे हैं, उसका शीर्षक, तारीख आदि। फार्म में Header या Footer जोड़ने के लिए निम्न स्टेप्स को फॉलो करे |
- View मेनु क्लिक करें।
- From Header/Footer विकल्प को क्लिक करे।
- फार्म पर Detail के साथ, ऊपर की और form header एवं नीचे के और Form footer हिस्से दिखाई देते हैं।
- Header हिस्से में टेक्स्ट डालने के लिए लेबल कंन्ट्रोल का प्रयोग किया जाता हैं। साधारणत: इन हिस्सों में टेबल के रिकार्ड का प्रयोग नही किया जाता हैं।
- प्रापर्टी बॉक्स में हेडर एवं फुटर की अलग-अलग प्रापर्टी निश्चित की जा सकती हैं। फार्म डिजाइन करते समय इन तीनों हिस्सों के बीच में एक पैनल दिखाई देती हैं। उस पैनल को ऊपर या नीचे कर हेडर, डिटेल या फुटर का आकार कम या अधिक किया जाता हैं। यह पैनल फार्म में डाटा डालते समय नहीं दिखता हैं।Dca Ms Access Unit 4th in hindi
Tool Box of Form
Tool Box of FormDca Ms Access Unit 4th in hindi
Tool Box- MS Access में निम्नलिखित tools होते है। जिन tools का प्रयोग करना है,उसको सिलेक्ट करते है। इसके बाद form मे जहाँ पर रखना होता है। वहाँ पर क्लिक करते है। तो वह टूल वहाँ पर सेट हो जाता है। इसके बाद उसकी प्रॉपर्टी को बदलते है। तो उसकी प्रॉपर्टी विंडो को F4 key या view menu से ला सकते है। इसके बाद उसकी प्रॉपर्टी को बदला जा सकता है।Dca Ms Access Unit 4th in hindi
1.Select Object- इस टूल का प्रयोग object को सिलेक्ट करने के लिये किया जाता है। इससे किसी भी object को फॉर्म एवं रिपोर्ट मे एक स्थान से दूसरे स्थान पर move किया जा सकता है। एवं object को सिलेक्ट करके उसकी properties में editing की जाती है।
2.Text box- इस Tool मे text को टाईप किया जा सकता है। अर्थात रन टाईम इसमे text को टाईप किया जा सकता है। इसकी सहायता से टेबिल के फील्ड मे डाटा को जोडा जाता है। जैसे Name, Father name आदि।
3.label- यह टूल दूसरे टूल के लिये label का कार्य करता है। इससे उस फील्ड की पहचान होती है,कि उस टूल का क्या प्रयोग है। इसमे रन टाईम text को टाईप नही किया जा सकता है। डिजाइन टाईम ही इसमे property को सेट किया जाता है।
4.Option Button- इस button को radio button भी कहा जाता है। इसका प्रयोग तब किया जाता है जब दो या दो से अधिक ऑप्शन मे से किसी एक को चुनना होता है। जैसे शादी हुई या नही, कौन से कोर्स मे प्रवेश लिया आदि।Dca Ms Access Unit 4th in hindi
5.Check Box- इसका प्रयोग तब किया जाता है। जब कई option को चुनना होता है। इसका उत्तर हाँ या ना मे होता है।Dca Ms Access Unit 4th in hindi
6.Command Button- इस टूल का प्रयोग form or report मे निर्देश देने के लिए किया जाता है। जैसे Add record, delete record, next record, previous, first and last, ok cancel आदि buttons का निर्माण इसी से होता है।
7.Line- इसकी सहायता से form या रिपोर्ट मे लाईन को खीचा जा सकता है। जिससे फार्म या रिपोर्ट को सुन्दर बनाया जा सकता है। या एक समान फील्ड को Separate किया जा सकता है।
8.Rectangle-इससे form या रिपोर्ट मे Rectangle बनाया जा सकता है। जिससे फॉर्म या रिपोर्ट सुन्दर दिखने लगती है।
9. Option group- इससे कई टूल का group बनाया जा सकता है। जिससे इनको एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से मूव किया जा सकता है। इससे form या report को सुन्दर बनाया जा सकता है। option group से एक समान फील्ड का ग्रुप बनाया जा सकता है। जिससे इसे फीड करने मे समस्या नही होती है। इसमे विजार्ड आता है।Dca Ms Access Unit 4th in hindi
इसके पहले डायलॉग बॉक्स जिसमे ऑप्शन के लेबिल टाईप करते है।
दूसरे डायलॉग बॉक्स मे किस ऑप्शन को डिफाल्ट करना है इसको चुनते है।
तीसरे डायलॉग बॉक्स मे उसकी value सेट करते है।
चौथे डायलॉग बॉक्स मे यह चुनते है। कि उसको टेबिल के किस फील्ड से जोडना है।
पांचवे डायलॉग बॉक्स मे उसकी स्टाईल को चुनते है। और यह भी सिलेक्ट करते है। कि ऑप्शन के तौर पर किसका प्रयोग करना है। option/check/ toggle button
10. Combo Box- इसमे लिस्ट आईटम को जोडा जाता है। यह कम जगह का प्रयोग करता है। इसका प्रयोग तब किया जाता है। जब लिस्ट में से किसी एक आईटम को चुनना है। जब इस टूल को फार्म या रिर्पोट पर प्रयोग करते है। तो विजार्ड स्टार्ट हो जाता है।
इसके पहले डायॅलाग बाक्स मे यह चुनते है। कि इसमे आईटम को कंहाँ से लाना है। इसमे second option को चुनते है। जिसमे स्वयं यूजर आईटम को टाईप कर सकता है। और next button पर क्लिक करते है।Dca Ms Access Unit 4th in hindi Dca Ms Access Unit 4th in hindi
दूसरे डायलॉग बॉक्स मे आईटम को टाईप करते है।
तीसरे डायलॉग बॉक्स मे यह सिलेक्ट करते है। कि उसको टेबिल के किस फील्ड से जोडना है। या नही जोडना है। यदि जोडना होता है तो दूसरे ऑप्शन को चुनते है। और यदि बाद मे जोडना है। तो पहले ऑप्शन को चुनते है। इसके बाद next button पर क्लिक करते है। Dca Ms Access Unit 4th in hindi
चौथे डायलॉग बॉक्स में combo box का लेबिल देते है। और finish button पर क्लिक करते है। जिससेcombo box का निमार्ण हो जाता है।
11. list Box- लिस्ट बाक्स मे आईटम लिस्ट रूप मे प्रदर्शित होते है। इसको भी combo box की तरह सेट किया जाता है।
12. Bound Object Frame- इसमे उस फील्ड को जोडते है। जिसमे object को जोडा जाता है। जैसे photo आदि। इसमे object को insert किया जाता है।
Dca Ms Access Unit 1st in hindi
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