SPAM क्या होता है ? Network And Data Security [Part 2]
Spam क्या है ?
इंटरनेट पर लोगों को संदेश या विज्ञापन बार-बार भेजना जिसका उन्होंने अनुरोध नहीं किया है स्पैम कहलाता है । अर्थात अवांछित संदेश या विज्ञापन लोगों को भेजना स्पैम कहलाता है ।
आप अगर इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपको भी स्पैम संदेशों, प्रमोशनल ईमेल्स से जूझना पड़ता होगा। लेकिन इनसे ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है वायरस और क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी से।
साइबर दुनिया एक ऐसी जगह हो गई है जहां सावधानी हटी तो दुर्घटना घटने की आशंका बहुत ज़्यादा है ।
Spam से बचने के लिए कुछ टिप्स :-
सिक्योर प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करें :-सिक्योर प्रोटोकॉल यानी जो लिंक खुले उसके ऊपर HTTPS है या नहीं । यहां S सबसे ज़रुरी है । ये उन वेबसाइटों के लिए जिसके ज़रिए आप क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करते हैं । अगर S नहीं है लिंक में तो खरीदारी करने से पहले दस बार सोचें ।
लिंक्स क्लिक न करें :– सोशल मीडिया पर या ईमेल पर जब परिचित या अपरिचित कोई लिंक भेजे जिसमें कोई आम सा या चौंकाने वाला संदेश हो। ऐसे संदेशों वाले लिंक आम तौर पर वायरस होते हैं। एक बार क्लिक किया तो ये फिर आपकी प्रोफाइल को करप्ट कर देते हैं। ईमेल पर अनजाने लोगों या कंपनियों से आने वाले बिजनेस प्रस्तावों के ज़रिए धोखाधड़ी आम हो गई है, इनसे बचें ।
पासवर्ड :- पासवर्ड सबसे ज़रूरी हिस्सा हैं आपकी सुरक्षा का । पासवर्ड कभी भी अपने परिवार वालों के नाम पर या अपने बच्चों के बर्थडे की तारीखों से न रखें.ये हैक करने में आसान होते हैं । पासवर्ड में अक्षर, नंबर और संकेतों का इस्तेमाल करें । कुछ कुछ समय पर इसे बदलते रहें । किसी भी वेबसाइट पर पासवर्ड याद रखने के विकल्प रिमेंमबर मी को क्लिक न करें ।
मोबाइल यूज़र रखें विशेष ध्यान :- अगर आप मोबाइल के ज़रिए शॉपिंग करते हैं या सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं तो खास ध्यान रखें । इस्तेमाल के बाद देख लें कि मोबाइल लॉक हो गया है । जल्दबाज़ी में मोबाइल लॉक हुए बिना जेब में रखे जाने से कोई भी गलत बटन दब सकता है और आप नुकसान में पड़ सकते हैं ।
एंटी वायरस अपडेट रखें :- आप सबने सुना होगा कि नए कंप्यूटर में सिक्योरिटी बहुत अच्छी होती है। एपल के कंप्यूटर खासे जाने-माने हैं। हालांकि कंप्यूटर भी गलती करते हैं और हमसे-आपसे भी गलती होती है। इसलिए सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर या एंटी वायरस सॉफ़्टवेयर को अपडेट रखें। इससे नए वायरसों को पहचानने में मदद मिलेगी ।
Cookies क्या है इसके फायदे और नुकसान इसे Delete कैसे करे
हमारे मोबाइल और लैपटॉप में कई तरह की फाइल होती है जिनमें से एक की कुकीज भी हमारे हार्ड ड्राइव में मौजूद एक नॉर्मल टेक्स्ट फाइल होती है जो कि इंटरनेट से ऑटोमेटिक सेव हो जाती है। जब भी हम कोई वेबसाइट ओपन करते हैं उसकी सारी जानकारी एक फाइल में सेव जाती है जिससे कि जब भी हम दोबारा कोई वेबसाइट ओपन करते हैं तो उस से रिलेटेड कोई भी पेज खोलने में ज्यादा आसानी होती है और इस प्रकार हमें भी कम समय लगता है और डेटा भी कम खर्च होता है। अगर टेक्निकली बात करें तो यह एक तरह का आइडेंटिफिकेशन कार्ड की तरह काम करता है जो कि इंटरनेट पर एडवरटाइजिंग साइज और ई-कॉमर्स वेबसाइट के लिए बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि यह उन से रिलेटेड सभी प्रकार की ऐड दिखाने के लिए बहुत ही कारगर होता है।
अगर आप इंटरनेट का रेगुलर इस्तेमाल करते हैं तो आपने Cookies के बारे में जरूर सुना होगा। जैसे कि Android मोबाइल में उनके ऑपरेटिंग सिस्टम के नाम खाने की चीजों पर रखे जाते हैं वैसे ही इंटरनेट का नाम Cookies एक खाने की चीज से जुड़ा हुआ है। तो आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि Cookies क्या है और यह कैसे काम करती है और इसका क्या फायदा है।
Cookies क्या है?
जब भी आप कोई भी Browser इस्तेमाल करते हैं चाहे वह गूगल क्रोम या फ़ायरफ़ॉक्स हो या इंटरनेट एक्सप्लोरर या कोई भी मोबाइल का ब्राउज़र जैसे Opera मिनी या फिर UC Browser जब भी आप इन Browser का इस्तेमाल करते हैं और कुछ भी चीज Surf करते हैं। उसकी जानकारी एक फाइल के रूप में हमारे फोन या हमारे कंप्यूटर में से हो जाती है जैसा कि आपने कौन सा कीवर्ड इस्तेमाल किया है और कौन सी वेबसाइट खोली है तो इस तरह की सभी जानकारी एक फाइल में सेव होकर हमारे मोबाइल है कंप्यूटर डाटा में रख दी जाती है ताकि इसका इस्तेमाल बाद में किया जा सके।
Cookies कैसे काम करता है?
जैसा हमने आपको बताया कि जब भी हम ब्राउज़र पर सर्च करते हैं तो उनकी छोटी छोटी फाइलें हमारे कंप्यूटर या हमारे फोन में सेव हो जाती है। इससे वेबसाइट सर्वर को एक मैसेज के रूप में भेजा जाता है जब भी हम कोई साइत खोलते हैं या कुछ सर्च करते हैं उसके सारे डाटा एक फाइल में सेव हो जाता है। साइट पर जाते हो वहां पर आपको कई ऐसी चीजे दिखाई जाती हैं जो कि आपने पहले सर्च की हो या वो आपका उसमें इंटरेस्ट हो। एसा इसलिए होता है क्योंकि हमारे मोबाइल या हमारे कंप्यूटर में कुकीज की फाइल से हो जाती है जिसको देखकर इंटरनेट पर उसी के हिसाब से सारी विज्ञापन दिखाए जाते हैं।
प्रॉक्सी सर्वर क्या है? (What is Proxy Server)
प्रॉक्सी सर्वर क्या है इसका कैसे उपयोग करें पूरी जानकारी – Proxy Server in Hindi
आपने प्रॉक्सी वोटिंग का नाम जरूर सुना होगा जिसमे चुनाव के समय यदि कोई व्यक्ति उपस्थित न हो तो वह अपना वोट अपने परिवार के किसी दुसरे सदस्य द्वारा डाल सकता है।
हम इन्टरनेट पर मौजूद किसी वेबसाइट को देखने के लिए भी ठीक ऐसा ही कर सकते हैं।
हम website को अपने computer system पर देख तो सकते हैं लेकिन वेबसाइट के server से connect होने वाला system कोई और ही होता है जिसे proxy server कहा जाता है।
हम किसी website को सीधे अपने कंप्यूटर से access न कर के किसी proxy server के द्वारा access कर सकते हैं। यहाँ पर प्रॉक्सी सर्वर user और website के server के बीच एक माध्यम या प्रतिनिधि का काम करता है।
proxy kya hai
जब आप कोई request send करते हैं तो वह proxy server से होते हुए वेबसाइट तक पहुँचता है और वेबसाइट की तरफ से किसी प्रकार का response या content प्रॉक्सी सर्वर से होते हुए आपके कंप्यूटर तक पहुँचता है।
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा की यदि प्रॉक्सी का यही काम है तो हम इसका उपयोग क्यों करते हैं? हम सीधे अपने कंप्यूटर से वेबसाइट को एक्सेस क्यों नही कर लेते?
दरअसल प्रॉक्सी का काम सिर्फ यही नही है इसके अलावा यह security और network performance से जुड़े और भी कई सारी सुविधाएँ प्रदान करता है जिनके बारे में आप नीचे पढ़ेंगे।
प्रॉक्सी सर्वर का क्या उपयोग है? (Use of Proxy Server )
Proxy का उपयोग ज्यादातर security reason से अपना IP address hide करने के लिए किया जाता है इसके अलावा किसी blocked website को access करने के लिए भी इसका उपयोग किया जाता है।
इंटरनेट की स्पीड बढाने के लिए: किसी organization में एक अच्छा proxy server लगा कर network performance को increase किया जा सकता है। प्रॉक्सी सर्वर किसी वेबसाइट या फाइल को अपने cache memory में store कर लेता है इससे जब भी आप उस website को देखना चाहें तो वह सीधे प्रॉक्सी सर्वर के local storage से आप तक पहुँच सकता है यानी वेबसाइट के server को request भेजने की जरूरत नही पड़ेगी, इससे समय और bandwidth की बचत होगी।
आईपी एड्रेस को छिपाने के लिए: यदि आप किसी वेबसाइट को सीधे अपने computer से access करते हैं वह सर्वर जहाँ उस website को host किया गया है उस तक आपका IP address पहुँच जाता है जिससे आपके location के अलावा आपके बारे में कुछ अन्य personal जानकारियाँ जुटाई जा सकती हैं। लेकिन आप procy की मदद से अपनी IP और अन्य identiy छिपा सकते हैं।
मोनिटरिंग के लिए: आप अपने ऑफिस में प्रॉक्सी सर्वर लगा कर उसकी मदद अपने employee द्वारा इन्टरनेट उपयोग पर नजर रख सकते हैं इसके अलावा अभिभावक अपने घर में इसे लगाकर यह पता लगा सकते हैं की उनके बच्चे कौन-कौन सी website पर visit करते हैं।
ब्लॉक किये गये वेबसाइट को एक्सेस करने के लिए: आपने देखा होगा की आपके स्कूल, कॉलेज, या ऑफिस के computer में कुछ restrictions लगे होते हैं जिससे आप इन्टरनेट पर कुछ चीजों को देख नही पाते हैं इसके अलावा geographic location या country के अनुसार कंपनी या सरकार द्वारा भी कई websites पर ban लगे होते हैं इन सारी security restrictions और filters को bypass करने के लिए proxy का use किया जा सकता है।
सिस्टम की सुरक्षा बढाने के लिए: किसी भी organization के लिए अपने server hack होने और data loss होने खतरा हमेशा बना रहता है। इस मामले में proxy काफी हद तक कुछ benefit provide करता है। आप अपने प्रॉक्सी सर्वर को configure करके client और server के साथ हो रहे communication को encrypt कर सकते हैं जिससे कोई third party उसे read न कर सके। आप malicious websites को block भी कर सकते हैं। Proxy server आपके सर्वर और outside traffic के बीच एक extra security layer जोड़ देता है। Hackers आपकी प्रॉक्सी सर्वर तक पहुँच तो सकते हैं लेकिन आपके actual server जहाँ सारा data store है वहां पहुँचने में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि प्रॉक्सी सर्वर लगा लेने और IP बदल लेने से ही आपका system हैक होने से पूरी तरह बचा रहेगा यह मुमकिन नही है लेकिन प्रॉक्सी से आप कुछ हद तक सुरक्षा तो बढ़ा ही सकते हैं।
Firewall क्या है और ये क्यूँ जरुरी है?
आज हम बात करने वाले है के, Firewall क्या है – What is Firewall हम सभी मनुष्य अपने जिंदगी में कोई भी छोटा बड़ा काम करने के लिए एक चीज का ध्यान अपने मन में जरुर रखते हैं और वो है “सुरक्षा” यानीं की security. जैसे की अपने भविष्य के लिए लोग पहले से ही पैसे को बचा कर रखते हैं ताकि आगे चल कर जब उन्हें पैसे की जरुरत होगी तब किसी के सामने भी हाथ फ़ैलाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. अपने बच्चो की सुरक्षा के लिए माँ बाप हर कदम पर उनके साथ रहते हैं. जो बड़े बड़े celebrities और मंत्री होते हैं उनकी सुरक्षा के लिए bodyguards रखे जाते हैं. हर देश में रह रहे लोगों की सुरक्षा के लिए “कानून” बनाया गया है. सरहद पर हर रोज़ हमारे देश के वीर जवान हम सबकी सुरक्षा के लिए अपनी जान दे देते हैं.
हम सभी मनुष्य का जीवन किसी ना किसी तरह से एक सुरक्षा के घेरे में है, जिसके वजह से हम चैन की सांस ले रहे हैं. ठीक उसी तरह Computer को भी एक सुरक्षा की जरुरत होती है ताकि उसे virus और malware से बचा कर रखा जा सके और Computer में रखे गए सभी data किसी दुसरे अनजान व्यक्ति के हाथ ना लग सके. उस सुरक्षा का नाम है “Firewall”. जो लोग Computer और Internet का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं उन्होंने firewall का नाम जरुर सुना होगा. Firewall क्या है? ये क्यूँ जरुरी है? इसके बारे में आज मै आपको बताने वाली हूँ.